बच्चे मेरा हाथ पकड़ ले
बच्चे
मेरा हाथ पकड़ ले
बहुत तसल्ली मिलती है मुझे
यह कहता था
बड़ी हसरत भरी निगाहों से
मेरी तरफ देखते हुए
अक्सर ही अपनी उम्र के आखिरी
पड़ाव और बीमारी में
मुझसे मेरा बाप
और मैं फौरन ही
सारे जरूरी काम छोड़कर
पकड़ लेती थी उनका हाथ
उनका हौसला बढ़ाने के लिए
उन्हें यह विश्वास दिलाने के लिए कि
वह अभी भी हमारे जीवन में सबसे जरूरी हैं
उनका कहना अभी भी माना
जाता है
माना कि
वह खुद को कमजोर और
हारा हुआ महसूस करने लगे थे
हाथ थामते ही उनका
उनकी आंखों में
एक चमकती चिंगारी सी चमक
एक जीने की ललक
जाग जाती थी
दिल की धड़कनें फिर से
आत्मसम्मान से
सिर उठाकर
जिन्दा रहने के लिए
मचलने लगती थी
आज मैं तरस गई हूं
उनका वह हाथ थामने
को
उनका वह प्यार भरा साथ
पाने को
क्या बताऊं मैं अपने मन की
व्यथा
मैं बहुत हारा हुआ महसूस
कर रही हूं
इस भरी पूरी दुनिया में
अपने मां बाप के बिना।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001