बंद हो जायें चाहे मुलाकातें
दिन ढल जायेगा
सांझ हो जायेगी
वह आने में देर कर रही है
जितनी लम्बी हो सकती थी
मुलाकात
वह अब छोटी रह जायेगी
बंद हो जायें चाहे
मुलाकातें लेकिन
उनको याद करने का सिलसिला
सिमटना नहीं चाहिए
वह दिल में रहें जिन्दा हमेशा
जब तक यह दिल धड़के
जब न रहे कोई जिन्दा
एक पेड़ की डाली पर
फूल बन महकते रहें।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001