फैसले
चंद लोग ही
लेते है फैसले
सक्षम भी वे ही,
कुछ विभिषण हैं,
कुछ जयचंदी.
असफल फैसले में,
लोग हर नंदी,
.
फँसे रहते मुख मायावी,
जीव मुख एक ईश्वर-वादी,
नाथ कहे, अहम् ब्रह्मास्मि
काट छांट साँच देखे और दिखाये.
वो श्रेष्ठ साखी, पारख पारखी सत्यवादी.
डॉक्टर महेन्द्र सिंह हंस