“ फेसबुक की दोस्ती ” ( व्यंग )
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
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मैं किसी को क्यों कहूँ ?
तुम मेरी लेखनी पढ़ो !
मैं किसी को क्यों कहूँ ?
कुछ कमेन्ट तुम गढ़ो !!
जब मैं खुद में मस्त ,
होकर घूमता रहता हूँ !
अपनी कलाकारियों को ,
दिखलाता ही रहता हूँ !!
किसीकी मैं खबर भी ,
भूलकर रखता नहीं हूँ !
मैं किसी के दिल में ,
कभी टिकता नहीं हूँ !!
आभार व्यक्त करना ,
मुझे कभी भाता नहीं !
प्रेम करना दोस्त से ,
मुझे कभी आता नहीं !!
अपने जन्म दिन का ,
अवसर खोने नहीं देते !
लोग बधाइयाँ भले दे ,
जवाब हम नहीं देते !!
किसीको हैं शिकायत ,
किनारा मुझसे करलें !
दोस्तों की कमी नहीं ,
किसी और को भरलें !!
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डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज रोड
दुमका
झारखण्ड
भारत
15. 03. 2022.