फूल मुस्काने लगे (हिंदी गजल/गीतिका)
फूल मुस्काने लगे (हिंदी गजल/गीतिका)
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शक्ल नेता लोग दिखलाने लगे
दिन चुनावों के लगा आने लगे(1)
मान लें कैसे गरीबी हट गई
लोग क्या सब पेट-भर खाने लगे (2)
चापलूसी जिनमें गुण पाया गया
वह मदारी ऊँचे पद पाने लगे(3)
झुनझुना वोटर को देकर हाथ में
उसको नेता लोग बहलाने लगे(4)
ठंड में ठिठुरी हुई थी जिंदगी
मार्च आई ,फूल मुस्काने लगे (5)
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रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99 97 61 5451