Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jun 2022 · 2 min read

फूल और कली के बीच का संवाद (हास्य व्यंग्य)

कलियों ने फूलों से कहा!
बहन आजकल यह मनुष्य
जाति कर क्या रहे है !
अपने भाव दिखाने के लिए
हर जगह हमें साथ ले जा रहे है।

इनके दिल से किसी तरह का
कोई भाव आ नही रहा है।
इसलिए चेहरे पर यह अब
खुशी या दर्द का भाव
दिखा नही पा रहे है।
इसलिए शायद हर जगह
हमारी मदद लिए जा रहे है।

पहले तो ऐसा अक्सर होता नही था।
लोग बिना मेरी मदद के ही
अपनी खुशियाँ अपने दर्द
का इजहार कर लिया करते थे,
और बाद में हो सके तो
किसी तरह का कोई उपहार
दे दिया करते थे।

पर अब तो खुशी हो यह गम
हर जगह हमें साथ ले जा रहे है।
और तो और अब अपने मन के मुताबिक
हमें भी रंगो में बाँट रहे है।
गम में जाना है तो उजले रंग का फूल,
प्रेमिका को देना है तो लाल रंग का फूल
दोस्त बनाना है तो पिला रंग का फूल।
न जाने कितने चीजों के लिए
हमें कितने रंगो मे बाँट दिया है।

अपनी एकता को तो पहले
ही तोड़ रहे थे।
अब हमारी एकता को भी
तोड़ने में लगे हुए है।
ईश्वर पर तो हम सब फूल
साथ-साथ चढते थे।
अब हम प्रेमी ,प्रेमिका और
दोस्तो के लिए बँटने लगे है।

यह सब सुनकर फूल ने
अपनी चुप्पी तोड़ी,
बोली बहन इंसान बेचारे भी
अब क्या करे!
यह अपने अंदर प्यार या दर्द
का भाव कहाँ से लाए!
वह तो खुद मशीन बनते जा रहे है।
जिसके कारण उसके मन में
किसी तरह का कोई
भाव आ नही रहा है
इसलिए हर जगह हमें
साथ लिए जा रहे है।

~ अनामिका

7 Likes · 8 Comments · 968 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*ऐलान – ए – इश्क *
*ऐलान – ए – इश्क *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
*फितरत*
*फितरत*
Dushyant Kumar
एक ही बात याद रखो अपने जीवन में कि ...
एक ही बात याद रखो अपने जीवन में कि ...
Vinod Patel
मेरी अंतरात्मा..
मेरी अंतरात्मा..
Ms.Ankit Halke jha
राही
राही
RAKESH RAKESH
बेरोज़गारी का प्रच्छन्न दैत्य
बेरोज़गारी का प्रच्छन्न दैत्य
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मां बेटी
मां बेटी
Neeraj Agarwal
धुएं से धुआं हुई हैं अब जिंदगी
धुएं से धुआं हुई हैं अब जिंदगी
Ram Krishan Rastogi
"मेरी नज्मों में"
Dr. Kishan tandon kranti
💐अज्ञात के प्रति-133💐
💐अज्ञात के प्रति-133💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
इकिगाई प्रेम है ।❤️
इकिगाई प्रेम है ।❤️
Rohit yadav
कोरोना तेरा शुक्रिया
कोरोना तेरा शुक्रिया
Sandeep Pande
फितरत
फितरत
लक्ष्मी सिंह
नयन
नयन
डॉक्टर रागिनी
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
सब सूना सा हो जाता है
सब सूना सा हो जाता है
Satish Srijan
सब गुण संपन्य छी मुदा बहिर बनि अपने तालें नचैत छी  !
सब गुण संपन्य छी मुदा बहिर बनि अपने तालें नचैत छी !
DrLakshman Jha Parimal
With Grit in your mind
With Grit in your mind
Dhriti Mishra
सड़क
सड़क
SHAMA PARVEEN
।। श्री सत्यनारायण कथा द्वितीय अध्याय।।
।। श्री सत्यनारायण कथा द्वितीय अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मार्शल आर्ट
मार्शल आर्ट
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
🙅दद्दू कहिन🙅
🙅दद्दू कहिन🙅
*Author प्रणय प्रभात*
शक्कर की माटी
शक्कर की माटी
विजय कुमार नामदेव
कोशिश कर रहा हूँ मैं,
कोशिश कर रहा हूँ मैं,
Dr. Man Mohan Krishna
मासूमियत की हत्या से आहत
मासूमियत की हत्या से आहत
Sanjay ' शून्य'
सफर की महोब्बत
सफर की महोब्बत
Anil chobisa
आज के लिए जिऊँ लक्ष्य ये नहीं मेरा।
आज के लिए जिऊँ लक्ष्य ये नहीं मेरा।
Santosh Barmaiya #jay
"चाहत " ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
*
*"हिंदी"*
Shashi kala vyas
Loading...