फिर लिखेंगे
वक्त जब आएगा अपना तो ।
फिर वह व्यूह रचेंगे ।
अभी कुछ भी कहो आगे ।
जरूर इतिहास रखेंगे ।
जितना भी दुःख, दर्द सिरो पर।
पर उसको सहते रहेंगे ।
शायद उनको मालूम नही कि ।
हम अपनी उज्ज्वल कहानी फिर लिखेंगे ।
मजा जिंदगी का क्या है ।
खट्टा -मीठा सब चखेंगे ।
हम अपनी उज्ज्वल कहानी फिर लिखेंगे ।
इतिहास दोहराने के लिए है हम सहमे ।
चल दिए है उसको पाने को उसको तो लय मे ।
कितना भी बीहङ हो उसको पार करेंगे ।
हम अपनी उज्ज्वल कहानी फिर लिखेंगे ।
बूझ चुकी है अग्नि तो क्या ।
एक बार फिर जलेंगे ।
सूख चुकी अपनी नदी तो क्या ।
एक दिन जरूर बहेंगे ।
ये जो आलीशान महल है ।
कभी जरूर ढहेंगे ।
अपने शौर्यता का नाद मेरे बाजुए करेंगे ।
हम अपनी उज्ज्वल कहानी फिर लिखेंगे ।
Rj Anand Prajapati