फिर मिलेंगे
किसी न किसी मोड़ पर
एक दिन मिलेंगे हम
ख्वामखाह तुम कर रहे
क्यों आंख अपनी नम
वक़्त-ए-विदा में उसने
मुझसे था यह कहा
बीते दिनों को सोच कर
करना मत मेरा ग़म…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)
किसी न किसी मोड़ पर
एक दिन मिलेंगे हम
ख्वामखाह तुम कर रहे
क्यों आंख अपनी नम
वक़्त-ए-विदा में उसने
मुझसे था यह कहा
बीते दिनों को सोच कर
करना मत मेरा ग़म…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)