*फागुन*
फागुन
फागुन में गीत सुनाएंगे,फागुन में।
फागुन आया चढ़ी जवानी।
मनोवृत्ति सुरभित दीवानी।।
लगता है मधुमास सुहाना।
मन में अति उत्साह लुभाना।।
मस्ती में सब झूम रहे हैं।
गगन लोक को चूम रहे हैं।
हैं मदहोश सभी मतवाले।
थिरक रहे सब लेकर प्याले।।
फागुन में धूम मचायेंगे,फागुन में।
घुलमिल कर फाग सुनायेंगे, फागुन में।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।