Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Feb 2023 · 1 min read

फ़र्ज़ पर अधिकार तेरा,

फ़र्ज़ पर अधिकार तेरा,
है नतीजा रब के पास।
वो करेगा काम अपना,
तू बस अपना काम कर।

हो गरीबी या रईसी,
शुक्र कर हर हाल में।
है नशीबों की फ़सल ये,
बोया जो पाया वही।

सतीश सृजन, लखनऊ.

Language: Hindi
1 Like · 131 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Satish Srijan
View all
You may also like:
प्रकृति को जो समझे अपना
प्रकृति को जो समझे अपना
Buddha Prakash
झूमका
झूमका
Shekhar Chandra Mitra
पूछूँगा मैं राम से,
पूछूँगा मैं राम से,
sushil sarna
"सबक"
Dr. Kishan tandon kranti
यारा ग़म नहीं अब किसी बात का।
यारा ग़म नहीं अब किसी बात का।
rajeev ranjan
*नींद आँखों में  ख़ास आती नहीं*
*नींद आँखों में ख़ास आती नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अंधेरों में अंधकार से ही रहा वास्ता...
अंधेरों में अंधकार से ही रहा वास्ता...
कवि दीपक बवेजा
नवनिर्माण
नवनिर्माण
विनोद सिल्ला
23/197. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/197. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आजाद लब
आजाद लब
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
मेरे भी थे कुछ ख्वाब
मेरे भी थे कुछ ख्वाब
Surinder blackpen
ना भई ना, यह अच्छा नहीं ना
ना भई ना, यह अच्छा नहीं ना
gurudeenverma198
वक़्त ने करवट क्या बदली...!
वक़्त ने करवट क्या बदली...!
Dr. Pratibha Mahi
*शादी को जब हो गए, पूरे वर्ष पचास*(हास्य कुंडलिया )
*शादी को जब हो गए, पूरे वर्ष पचास*(हास्य कुंडलिया )
Ravi Prakash
आप और हम जीवन के सच
आप और हम जीवन के सच
Neeraj Agarwal
■ सामयिक संदर्भों में...
■ सामयिक संदर्भों में...
*Author प्रणय प्रभात*
ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कांधा होता हूं
कांधा होता हूं
Dheerja Sharma
आज बेरोजगारों की पहली सफ़ में बैठे हैं
आज बेरोजगारों की पहली सफ़ में बैठे हैं
दुष्यन्त 'बाबा'
"कोहरा रूपी कठिनाई"
Yogendra Chaturwedi
कुछ एक आशू, कुछ एक आखों में होगा,
कुछ एक आशू, कुछ एक आखों में होगा,
goutam shaw
ज़िंदगी इसमें
ज़िंदगी इसमें
Dr fauzia Naseem shad
जीवन का सफर
जीवन का सफर
नवीन जोशी 'नवल'
बरस रहे है हम ख्वाबो की बरसात मे
बरस रहे है हम ख्वाबो की बरसात मे
देवराज यादव
पूस की रात
पूस की रात
Atul "Krishn"
चिन्ता और चिता मे अंतर
चिन्ता और चिता मे अंतर
Ram Krishan Rastogi
जहां पर जन्म पाया है वो मां के गोद जैसा है।
जहां पर जन्म पाया है वो मां के गोद जैसा है।
सत्य कुमार प्रेमी
* मणिपुर की जो घटना सामने एक विचित्र घटना उसके बारे में किसी
* मणिपुर की जो घटना सामने एक विचित्र घटना उसके बारे में किसी
Vicky Purohit
फेमस होने के खातिर ही ,
फेमस होने के खातिर ही ,
Rajesh vyas
ऐ! दर्द
ऐ! दर्द
Satish Srijan
Loading...