फ़क़त मिट्टी का पुतला है, फ़क़त मिट्टी का पुतला है, अकड़ से कुछ नहीं होगा। शुपुर्द ए ख़ाक होगा या, शुपुर्द ए आग होगा तू। सतीश सृजन