Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Mar 2024 · 1 min read

फटा ब्लाउज ….लघु कथा

फटा ब्लाउज …..

“माँ देखो, ये साड़ी कैसी है ।” राहुल ने अपनी पत्नी अंजलि की नई साड़ी दिखाते हुए कहा ।

“अच्छी है बेटा । जा दे दे उसको । पति को अपनी पत्नी का ध्यान रखना चाहिए ।” माँ ने कहा ।

“ठीक है माँ” कहकर राहुल जैसे ही कमरे से बाहर निकला उसका सिर रस्सी पर सूखते हुए वस्त्र से अटक गया और वो जमीन पर गिर गया । ” माँ कपड़े थोड़ा साइड में सुखाया करो न ।” राहुल ने झल्लाकर कर कहा ।

माँ खाँसती हुई गिरे हुए वस्त्र को उठाने के लिए उठी
तो राहुल ने कहा “रहने दो माँ मैं टाँग देता हूँ ।”

राहुल ने वो फटा हुआ वस्त्र उठा कर रस्सी पर डाला और अंजली की साड़ी उठा कर अपने कमरे में चला गया ।

माँ देखती रह गई । बेटे को पत्नी की साड़ी याद रही पर रस्सी पर टंगा माँ का फटा ब्लाउज नजर नहीं
आया ।

@सुशील सरना / 20-3-24

115 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुस्किले, तकलीफे, परेशानियां कुछ और थी
मुस्किले, तकलीफे, परेशानियां कुछ और थी
Kumar lalit
काश ! लोग यह समझ पाते कि रिश्ते मनःस्थिति के ख्याल रखने हेतु
काश ! लोग यह समझ पाते कि रिश्ते मनःस्थिति के ख्याल रखने हेतु
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
" लफ़्ज़ "
Dr. Kishan tandon kranti
ज़ख़्म गहरा है सब्र से काम लेना है,
ज़ख़्म गहरा है सब्र से काम लेना है,
Phool gufran
जय श्री राम
जय श्री राम
Indu Singh
..........
..........
शेखर सिंह
श्री कृष्ण जन्माष्टमी
श्री कृष्ण जन्माष्टमी
Dr.Pratibha Prakash
सौगात   ...
सौगात ...
sushil sarna
Pseudo Democracy and Monopolistic Capitalism: An In-Depth Analysis in the Present Geopolitical Scenario
Pseudo Democracy and Monopolistic Capitalism: An In-Depth Analysis in the Present Geopolitical Scenario
Shyam Sundar Subramanian
मुझसे नाराज़ कभी तू , होना नहीं
मुझसे नाराज़ कभी तू , होना नहीं
gurudeenverma198
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
Rj Anand Prajapati
हालात बदलेंगे या नही ये तो बाद की बात है, उससे पहले कुछ अहम
हालात बदलेंगे या नही ये तो बाद की बात है, उससे पहले कुछ अहम
पूर्वार्थ
अजीज़ सारे देखते रह जाएंगे तमाशाई की तरह
अजीज़ सारे देखते रह जाएंगे तमाशाई की तरह
_सुलेखा.
मुक्तक – भावनाएं
मुक्तक – भावनाएं
Sonam Puneet Dubey
जंगल, जल और ज़मीन
जंगल, जल और ज़मीन
Shekhar Chandra Mitra
किसी और से इश्क़ दुबारा नहीं होगा
किसी और से इश्क़ दुबारा नहीं होगा
Madhuyanka Raj
एक मशाल तो जलाओ यारों
एक मशाल तो जलाओ यारों
नेताम आर सी
Lines of day
Lines of day
Sampada
प्रेम : तेरे तालाश में....!
प्रेम : तेरे तालाश में....!
VEDANTA PATEL
रामावतार रामायणसार 🙏🙏
रामावतार रामायणसार 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
#सनातन_सत्य-
#सनातन_सत्य-
*प्रणय*
चाँद पर रखकर कदम ये यान भी इतराया है
चाँद पर रखकर कदम ये यान भी इतराया है
Dr Archana Gupta
बदलता चेहरा
बदलता चेहरा
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
4165.💐 *पूर्णिका* 💐
4165.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
" कैसा हूँ "
Dr Mukesh 'Aseemit'
सांस के बारे में
सांस के बारे में
Otteri Selvakumar
मौसम ए बहार क्या आया ,सभी गुल  सामने आने लगे हैं,
मौसम ए बहार क्या आया ,सभी गुल सामने आने लगे हैं,
Neelofar Khan
बसंती बहार
बसंती बहार
इंजी. संजय श्रीवास्तव
नेता जी को याद आ रहा फिर से टिकट दोबारा- हास्य व्यंग्य रचनाकार अरविंद भारद्वाज
नेता जी को याद आ रहा फिर से टिकट दोबारा- हास्य व्यंग्य रचनाकार अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
आत्म अवलोकन कविता
आत्म अवलोकन कविता
कार्तिक नितिन शर्मा
Loading...