फटकार
आख़िर कैसे
इतना ज़ुल्म
बर्दाश्त किए
जाते हो तुम!
हर क़ातिल
और लूटेरे को
माफ़ किए
जाते हो तुम!!
क्या मर गया
तुम्हारा ज़मीर
क्या बिक चुकी
तुम्हारी गैरत!
अपने आप से
यह कैसा
इंसाफ़ किए
जाते हो तुम!!
Shekhar Chandra Mitra
#अवामीशायर