*** प्लीज हमें ब्लॉक कर दें ***
5.7.17 ** प्रातः ** 8.55
हसीनाओं से गुजारिश है
प्लीज़ हमें ब्लॉक कर दें
कल देख हुस्न उनका यदि
हृदय में इश्क पैदा हो जाये
और हम तारीफ़ कर बैठे उनकी
अपनी कलमे-जुबां से बार-बार
हो ना हो वो यूं शुक्रगुज़ार
खैर कोई बात नहीं अपनी
गुरूर-ए-शोक पाला है तभी
तो इश्क में गड़बड़झाला है
वो मगरूर हम मजबूर ना हो
हुस्नवालों से अब पड़े ना पाला
अदाएं अटपटी उनकी ग़जब
पहचाने ना बेचारा घरवाला
हसीनाओं से गुजारिश है
प्लीज़ हमें ब्लॉक कर दें
भाव खाती हैं दाल-चावल सा
घर की मुर्गी दाल बराबर आ
एफ बी पर बैखोफ रुतबा है
घर में वर की घर लुगाई सा
हसीनाओं से गुजारिश है
प्लीज़ हमें ब्लॉक कर दें
हम तारीफ़ के पुल बांधे और
तुम उस पर से गुजर जाओ
ना जमीं पर पाँव टिकते हो
ना सुदूर- आकाश-छूते हो
रह जायेंगे ख़्वाब-मृगमरीचिका
क्यों ऐसा ख़्वाब संजोते हो
हसीनाओं से गुजारिश है
प्लीज़ हमें ब्लॉक कर दें
वरना लगाये ना तोहमत वो
हम पर चरित्र हनन की वो
दोषारोपण करने से पहले
प्लीज़ हमें ब्लॉक वो कर दें
हसीनाओं से गुजारिश है
प्लीज़ हमें ब्लॉक कर दें ।।
प्लीज़
?मधुप बैरागी