प्रेरणा गीत (सूरज सा होना मुश्किल पर……)
फूलों-सा हंसना मुश्किल है, भाव मधुर रखते रहना
सूरज होना मुश्किल है पर, दीप बने जलते रहना
एक हवा समभाव रखे बस, ऐसी जग में रीत नहीं
पेड़ों पे फल कितने होते, लोभ-मोह से प्रीत नहीं
बादल एक- सी फसलें सींचे, राग द्वेष का भाव नहीं
एक सी छिटके चमक चांदनी,साम-दाम का दांव नहीं
पानी-सा होना मुश्किल पर, प्यास लगे रिसते रहना
सूरज होना मुश्किल है पर, दीप बने जलते रहना
मानवता का एक चलन है, जाति-धर्म का खेल नहींसत्य-असत्य अच्छे- बुरे का, होता कोई मेल नहीं
शुद्ध भावना वाणी होगी,संसार तुम्हारा होगा
एक नसल के मानव हम सब,आचार तुम्हारा होगा
दानव होना बहुत सरल पर,मानव बस होते रहना
सूरज होना मुश्किल है पर, दीप बने जलते रहना
धरती कितना बोझ सहे पर, कभी शिकायत करे नहीं
आसमान-सा मन रखकर बस, कभी हिमाकत करे नहीं
पंछी कलरव करते निश-दिन, ऊषा-निशा बराबर होती
तारों का टिमटिम खुशियाँ हैं, आशा-दिशा बराबर होती
चलते जाना ही जीवन है, नदियों-सा बहते रहना
सूरज होना मुश्किल है पर, दीप बने जलते रहना
अनिल कुमार निश्छल
हमीरपुर,बुंदेलखंड