प्रेम
दिन में एक सूरज की तरह है
रात में एक चांद की तरह
बाग में एक फूल की तरह
फूल में एक खुशबू की तरह
जिस्म में एक दिल की तरह
दिल में एक धड़कन की तरह
रूह में एक कायनात की तरह
कायनात में एक नूरानी रंग की तरह
लिफाफे में एक प्रेम पत्र की तरह
प्रेम पत्र में भावनाओं के बिखरे मोतियों
की तरह
जमीन के धरातल पर
उसकी कोख से उगते पौधे की तरह
आसमान के सीने में कैद सो रहे
बादल के टुकड़े की तरह
बारिश की बूंदों की तरह
हवा की फुहारों की तरह
जहां कहीं नजर घुमाओगे
हर जगह एक चमकते हुए नजारे की
तरह
प्रेम में सिमटी मैं
प्रेम में लिप्त मैं
प्रेम में समाई मैं
प्रेम की विस्तृत एक परिभाषा
मैं
कहां जाते हो तलाशने मुझे
मैं तो कब से बैठी
प्रेम का भाव लिए
प्रेम पाने को आतुर
प्रेम की प्यासी
प्रेम के दरवाजे की तुम्हारी
चौखट पर मैं।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001