प्रेम होना चाहिए
प्रेम …
अनुपम आभास की
अदृश्य शक्ति का
चिर जीवित
अहसास है
प्रेम
मौन बंधनों से
उन्मुक्त उन्माद की
अनबुझ प्यास है
प्रेम
संवादहीन शब्दों की
अव्यक्त अभिव्यक्ति
का असीमित
उल्लास है
प्रेम
निःशब्द शब्दों को
भावों की लहरों पर
मुखरित करने का
आधार है
प्रेम
अपूर्णता को
पूर्णता में परिवर्तित कर
अंतस को
मधु शृंगार से सृजित कर
प्रेमासक्ति की अभिव्यक्ति का
अनुपम उपहार है
प्रेम
पतझड़ हो
मधुमास हो
तृप्ति हो या प्यास हो
जीवन का हर पल
सुवासित हो जाएगा
बस
जीवन को आलोकित करने का
इक फ्रेम होना चाहिए
सृष्टि के हर
पृष्ठ पर लिखा
सिर्फ़
प्रेम,…
प्रेम,….
प्रेम होना चाहिए
सुशील सरना