प्रेम विवाह
प्रेम विवाह
उन्होंने
नहीं की परवाह
जमाने की
नकार दिया
परम्पराओं को
हो गई मिसाल कायम
हो गया आगाज
परिवर्तन का
खुल गए नए द्वार
अगली पीढ़ी के लिए
वे लांघ गए सीमाएं
जाति, धर्म व राज्यों की
नहीं मिलाए गोत्र
सिर्फ दिल मिलाए
और कर लिया
प्रेम विवाह
अड़चनें नहीं बनी बाधा
उनके मजबूत
हौंसले के समक्ष
-विनोद सिल्ला©