Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Nov 2016 · 1 min read

[[ प्रेम की अब कहानी सुनाने चली ]]

प्रेम की अब कहानी सुनाने चली ,!
प्रेम होता अमर ये बताने चली ,!!

रूठ कर श्याम कब से हैं बैठे यहाँ ,!
राधिका कृष्ण को अब मनाने चली ,!!

Nitin sharma

Language: Hindi
241 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"दोस्ती के लम्हे"
Ekta chitrangini
आगाज़-ए-नववर्ष
आगाज़-ए-नववर्ष
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मेरी बेटी
मेरी बेटी
लक्ष्मी सिंह
दिल से ….
दिल से ….
Rekha Drolia
We Mature With
We Mature With
पूर्वार्थ
#चाह_वैभव_लिए_नित्य_चलता_रहा_रोष_बढ़ता_गया_और_मैं_ना_रहा।।
#चाह_वैभव_लिए_नित्य_चलता_रहा_रोष_बढ़ता_गया_और_मैं_ना_रहा।।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
आगे पीछे का नहीं अगल बगल का
आगे पीछे का नहीं अगल बगल का
Paras Nath Jha
!!  श्री गणेशाय् नम्ः  !!
!! श्री गणेशाय् नम्ः !!
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
*इस बरस*
*इस बरस*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
" प्यार के रंग" (मुक्तक छंद काव्य)
Pushpraj Anant
"लिख और दिख"
Dr. Kishan tandon kranti
बारिश की संध्या
बारिश की संध्या
महेश चन्द्र त्रिपाठी
वस्तु वस्तु का  विनिमय  होता  बातें उसी जमाने की।
वस्तु वस्तु का विनिमय होता बातें उसी जमाने की।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
जो सबका हों जाए, वह हम नहीं
जो सबका हों जाए, वह हम नहीं
Chandra Kanta Shaw
बेरूख़ी के मार से गुलिस्ताँ बंजर होते गए,
बेरूख़ी के मार से गुलिस्ताँ बंजर होते गए,
_सुलेखा.
★HAPPY FATHER'S DAY ★
★HAPPY FATHER'S DAY ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
मैं नारी हूं
मैं नारी हूं
Mukesh Kumar Sonkar
गांधी जी के नाम पर
गांधी जी के नाम पर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Augmented Reality: Unveiling its Transformative Prospects
Augmented Reality: Unveiling its Transformative Prospects
Shyam Sundar Subramanian
" माँ का आँचल "
DESH RAJ
सोहनी-महिवाल
सोहनी-महिवाल
Shekhar Chandra Mitra
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
🌹 मैं सो नहीं पाया🌹
🌹 मैं सो नहीं पाया🌹
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
जहाँ खुदा है
जहाँ खुदा है
शेखर सिंह
*बहस अभागी रो रही, उसका बंटाधार【कुंडलिया】*
*बहस अभागी रो रही, उसका बंटाधार【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
हे देश मेरे
हे देश मेरे
Satish Srijan
तीन स्थितियाँ [कथाकार-कवि उदयप्रकाश की एक कविता से प्रेरित] / MUSAFIR BAITHA
तीन स्थितियाँ [कथाकार-कवि उदयप्रकाश की एक कविता से प्रेरित] / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
■ पता नहीं इतनी सी बात स्वयम्भू विश्वगुरुओं को समझ में क्यों
■ पता नहीं इतनी सी बात स्वयम्भू विश्वगुरुओं को समझ में क्यों
*Author प्रणय प्रभात*
अखंड भारत कब तक?
अखंड भारत कब तक?
जय लगन कुमार हैप्पी
कितना सुकून और कितनी राहत, देता माँ का आँचल।
कितना सुकून और कितनी राहत, देता माँ का आँचल।
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...