प्रेम का गांव
प्रेम ही का गांव हो
प्रीत की मिले डगर
पलकों की छांव हो
और हो लंबा सफर
प्रेम प्रीत का ही हो
मंदिर शहर शहर
प्रेम प्रीत भरकर
रंगोली सजाएं
कई रंग देकर भी
एक रंग लाएं
वजें चाहे वाद्य कई
धुन एक ही बजाएं
प्रेम की धुंनौ का जग में हो ऐसा असर
थिरक उठे दुनिया गाए शहर शहर
प्रेम ही का गांव हो प़ीत की मिले डगर
पलकों की छांव हो और हो लंबा सफर