” प्रार्थना “
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
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है मेरी बस
कामना
कर रहा हूँ
साधना
लोग भय से मुक्त हों
ज्ञान गंगा युक्त हों
अग्रसर होतें रहें
साथ सब मिलकर हम चलें
डगमगाये पग जो मेरे
हे प्रभु आशीष देना
हम बने चट्टान जैसा
बस यूहीं
तुम ध्यान देना !
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डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
शिवपहाड़
दुमका