प्राची (कुंडलिया)*
प्राची (कुंडलिया)*
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प्राची की मंजुल दिशा , प्राची से दिनमान
प्राची से सूरज उगा , प्राची स्वर्ग – समान
प्राची स्वर्ग – समान , किरण पहली है आती
खिड़की-घर का द्वार ,सुखद स्वर्णिम कहलाती
कहते रवि कविराय ,विवश पश्चिम बस याची
देख रहा अभिराम , मनोहर सुंदर प्राची
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प्राची = पूर्व दिशा ,पूरब
मंजुल = सुंदर
दिनमान = दिन की अवधि
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451