प्रभु वन्दन
मैं तेरा प्रभु तू है मेरा
तूने दिया एक नया सवेरा।
दूर हुआ निशा का अंधेरा
नव रश्मियों ने डाला डेरा।
सूर्य देवता का हुआ पग फेरा
चहुंओर खुशियों का है घेरा।
सबसे कर ले प्रेम जगत में
मत कर प्राणी तेरा-मेरा।
—-रंजना माथुर दिनांक 16/09/2017
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
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