Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jun 2024 · 1 min read

प्रदर्शन

प्रदर्शन (वर्ण पिरामिड)

जो
करे
दिखावा
मिथ्या में ही
जीता रहता
भार बना वह
अपना तन ढोता।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

37 Views

You may also like these posts

"जीने के लिए "
Dr. Kishan tandon kranti
आज फ़िर
आज फ़िर
हिमांशु Kulshrestha
जब अपनी बात होती है,तब हम हमेशा सही होते हैं। गलत रहने के बा
जब अपनी बात होती है,तब हम हमेशा सही होते हैं। गलत रहने के बा
Paras Nath Jha
तुम्हारी आँखों में समाया है, प्यार
तुम्हारी आँखों में समाया है, प्यार
Harinarayan Tanha
पिता का साया
पिता का साया
Neeraj Agarwal
ऐ सूरज तू अपनी ताप को अब कम कर दे
ऐ सूरज तू अपनी ताप को अब कम कर दे
Keshav kishor Kumar
दो दिन की जिंदगी है अपना बना ले कोई।
दो दिन की जिंदगी है अपना बना ले कोई।
Phool gufran
जब जब याद किया वो तेरी call वाली बात तब तब मैं दिल को सुकून
जब जब याद किया वो तेरी call वाली बात तब तब मैं दिल को सुकून
Iamalpu9492
31/05/2024
31/05/2024
Satyaveer vaishnav
उन्हें इल्म हो भी तो कैसे इश्क का,
उन्हें इल्म हो भी तो कैसे इश्क का,
श्याम सांवरा
समरसता
समरसता
Khajan Singh Nain
Allow yourself
Allow yourself
Deep Shikha
#पीरपुष्प
#पीरपुष्प
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
🙅मुग़ालता🙅
🙅मुग़ालता🙅
*प्रणय*
** दूर कैसे रहेंगे **
** दूर कैसे रहेंगे **
Chunnu Lal Gupta
★किसान ए हिंदुस्तान★
★किसान ए हिंदुस्तान★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
4918.*पूर्णिका*
4918.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
देवताई विश्वास अंधविश्वास पर एक चिंतन / मुसाफ़िर बैठा
देवताई विश्वास अंधविश्वास पर एक चिंतन / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
मतलब का सब नेह है
मतलब का सब नेह है
विनोद सिल्ला
जनाब नशे में हैं
जनाब नशे में हैं
डॉ. एकान्त नेगी
कभी तो फिर मिलो
कभी तो फिर मिलो
Davina Amar Thakral
मजदूर की मजबूरियाँ ,
मजदूर की मजबूरियाँ ,
sushil sarna
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।
इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
चिड़िया
चिड़िया
Kanchan Khanna
मैं हूं वही तुम्हारा मोहन
मैं हूं वही तुम्हारा मोहन
श्रीकृष्ण शुक्ल
भाव
भाव
Ashwini sharma
माँ - सम्पूर्ण संसार
माँ - सम्पूर्ण संसार
Savitri Dhayal
रिश्तों की बगिया
रिश्तों की बगिया
Dhananjay Kumar
हैं जो कुछ स्मृतियां वो आपके दिल संग का
हैं जो कुछ स्मृतियां वो आपके दिल संग का
दीपक झा रुद्रा
Loading...