प्रथम जिलों में एक ‘पूर्णिया’ नामकरण की उत्पत्ति !
पूर्णिया नाम की उत्पत्ति की कई संभावनाएं हो सकती हैं । चूँकि वर्त्तमान पूर्णिया शब्द अतीतवाली ‘पुरैनियाँ’ के अपभ्रंश शब्द हैं । वैसे अतीतवाली पुरैनियाँ तीन नदियों, यथा- गंगा, कोशी और महानन्दा की त्रिवेणी, हिमालय पर्वत का पीक सर्वेयर क्षेत्र, काला पानी और घने जंगलों से आच्छादित क्षेत्र रहा है ।
यह पूर्ण जंगल जहाँ संस्कृत शब्द या मूलशब्द ‘पूर्ण अरण्य’ लिए हैं । ‘पुरैनियाँ’ नामकरण की संभावना इनसे भी है, बावजूद ‘कमल’ व लोटस का स्थानीय भाषा में एक और नाम ‘पुरइन’ भी है, जो कि यहाँ काफी मात्रा में होती रही है और अब भी यहाँ की नदियों में देखी जा सकती है ।
संभव है, शब्द ‘पुरइन’ से ही ‘पुरैनियाँ’ कि उत्पत्ति हुई हो ! अन्य संभावनाओं को भी खारिज नहीं कि जा सकती है, यथा- इस क्षेत्र में सनातन धर्मावलम्बियों के लिए प्राचीन ‘पूरण’ या ‘पूरन’ देवी का मंदिर है । हो सकता है, पूरण या पूरन से ही ‘पुरैनियाँ’ शब्द-विस्तार हुई हों, जैसे- पटन देवी से ‘पटना’, मुम्बा देवी से ‘मुम्बई’ आदि नाम।