प्रतीक्षा
बैठे है सड़क के किनारे
सब्जियों में अपने
गमो को छुपाकर,
आँखे बिछाए ताँक रहे है
शायद आ जाए कोई
उनके गम को खरीदने
बदले में अपनी खुशी देकर ।
बैठे है सड़क के किनारे
सब्जियों में अपने
गमो को छुपाकर,
आँखे बिछाए ताँक रहे है
शायद आ जाए कोई
उनके गम को खरीदने
बदले में अपनी खुशी देकर ।