*प्रकृति का यह करिश्मा है (हिंदी गजल/गीतिका)*
प्रकृति का यह करिश्मा है (हिंदी गजल/गीतिका)
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(1)
घिरा बादल से नभ सारा, प्रकृति का यह करिश्मा है
ये दिन में छाया अँधियारा, प्रकृति का यह करिश्मा है
(2)
पहाड़ों पर ये गिरती बर्फ ,देखो आसमानों से
नजारा है बहुत प्यारा, प्रकृति का यह करिश्मा है
(3)
लिहाफों में दुबकने का, ये मौसम चल रहा है अब
चलेगी चाय दोबारा, प्रकृति का यह करिश्मा है
(4)
कभी गर्मी सताती है, पसीने से हुए लथपथ
कभी गिरता हुआ पारा, प्रकृति का यह करिश्मा है
(5)
नदी का मीठा जल बहकर, समंदर में गया लेकिन
जलधि फिर भी रहा खारा, प्रकृति का यह करिश्मा है
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 9997615451