प्यार के फूल खिला कर देखो
प्यार के फूल खिला कर देखो
गीत वफ़ा के गा कर देखो
पासे नये बिछा कर देखो
दांव भी एक लगा कर देखो
कितना मुश्किल पैसा पाना
दो पैसे तो कमा कर देखो
दिल को कुछ तस्कीन मिलेगी
गिरतों को भी उठा कर देखो
पल में दिन हो जायेगा फिर
दीया एक जला कर देखो
आ जायेगी पास में मंज़िल
अपने क़दम बढ़ा कर देखो
सारी दुनिया अपनी होगी
प्यार ज़रा लुटा कर देखो
‘आनन्द’ नहीं है बेगाना
राज़ उसे बतला कर देखो
डॉ आनन्द किशोर