Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jan 2018 · 1 min read

प्यार की फिर अधूरी कहानी हुई

प्यार की फिर अधूरी कहानी हुई
तू न राजा हुआ मैं न रानी हुई

प्यार ने भर दिये इंद्रधनुषी से रँग
मन की चुनरी मेरी आसमानी हुई

आज हैवानियत इतनी इंसान में
देख इंसानियत पानी पानी हुई

चल रही हैं बसंती बयारें तभी
आभा धरती के चेहरे की धानी हुई

मौत मेहमान बन जाती खुद ही वहाँ
ज़िन्दगी की जहाँ मेज़बानी हुई

चलना तो आ गया जल्दी जल्दी यहाँ
सोच पर धीरे धीरे सयानी हुई

बढ़ते ही यूँ गये सपनों के काफिले
देखते देखते उम्र ये फानी हुई

ज़िन्दगी में मिली ठोकरें भी बहुत
दूर थोड़ी भी गर सावधानी हुई

प्यार मेरा हुआ “अर्चना’ की तरह
मैं भी मीरा के जैसी दिवानी हुई

13-01-2018
डॉ अर्चना गुप्ता

917 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all

You may also like these posts

जाने क्यूँ ....
जाने क्यूँ ....
sushil sarna
खिङकियां
खिङकियां
Meenakshi Bhatnagar
"कहने को हैरत-अंगेज के अलावा कुछ नहीं है ll
पूर्वार्थ
तुम मुझे भूल जाओगी
तुम मुझे भूल जाओगी
Akash Agam
ऐसा सुन्दर देश हमारा....
ऐसा सुन्दर देश हमारा....
TAMANNA BILASPURI
किसी को घर नहीं
किसी को घर नहीं
Jyoti Roshni
इश्क चाँद पर जाया करता है
इश्क चाँद पर जाया करता है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कभी-कभी अकेला होना
कभी-कभी अकेला होना
Chitra Bisht
राष्ट्रीय खेल दिवस हर साल किस दिन मनाया जाता है?
राष्ट्रीय खेल दिवस हर साल किस दिन मनाया जाता है?
Aneesh
चिल्लाने के लिए ताकत की जरूरत नहीं पड़ती,
चिल्लाने के लिए ताकत की जरूरत नहीं पड़ती,
शेखर सिंह
बंटवारा
बंटवारा
Shriyansh Gupta
*तृण का जीवन*
*तृण का जीवन*
Shashank Mishra
जिंदगी को बोझ मान
जिंदगी को बोझ मान
भरत कुमार सोलंकी
पिनाक धनु को तोड़ कर,
पिनाक धनु को तोड़ कर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
पवित्र भाव
पवित्र भाव
Rambali Mishra
श्रावणी हाइकु
श्रावणी हाइकु
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
पुरानी यादें
पुरानी यादें
Dr.Archannaa Mishraa
योग स्वस्थ जीवन का आधार
योग स्वस्थ जीवन का आधार
Neha
4118.💐 *पूर्णिका* 💐
4118.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
करते हैं जो हृदय- निमंत्रण झूठे हैं...
करते हैं जो हृदय- निमंत्रण झूठे हैं...
Priya Maithil
"सीख"
Dr. Kishan tandon kranti
आसान होती तो समझा लेते
आसान होती तो समझा लेते
रुचि शर्मा
याद रहेगा यह दौर मुझको
याद रहेगा यह दौर मुझको
Ranjeet kumar patre
मेरी ज़िन्दगी
मेरी ज़िन्दगी
Shailendra Aseem
जागी जवानी
जागी जवानी
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
माँ का अबोला / मुसाफ़िर बैठा
माँ का अबोला / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
एक कथित रंग के चादर में लिपटे लोकतंत्र से जीवंत समाज की कल्प
एक कथित रंग के चादर में लिपटे लोकतंत्र से जीवंत समाज की कल्प
Anil Kumar
खयालात( कविता )
खयालात( कविता )
Monika Yadav (Rachina)
वो कपटी कहलाते हैं !!
वो कपटी कहलाते हैं !!
Ramswaroop Dinkar
Loading...