Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Feb 2022 · 4 min read

“प्यार” एक खूबसूरत अहसास {वैलेंटाइन डे पर विशेष}

वैलेंटाइन डे को मूल रूप से संत वैलेंटाइन के नाम पर मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि वैलेंटाइन-डे नाम मूल रूप से संत वैलेंटाइन के नाम पर रखा गया है। कहा जाता है कि संत वैलेंटाइन ने अपनी मृत्यु के समय जेलर की नेत्रहीन बेटी जैकोबस को नेत्रदान किया और साथ ही जेलर की बेटी जैकोबस को एक पत्र लिखकर छोड़ गया, जिसके अंत में उन्होंने लिखा था ‘तुम्हारा वैलेंटाइन’।
यह दिन था 14 फरवरी का, जिसे बाद में इस संत के नाम से उसके याद में मनाया जाने लगा और वैलेंटाइन-डे के बहाने पूरे विश्व में निःस्वार्थ प्रेम का संदेश फैलाया जाता है। संत वैलेंटाइन मानवता से प्रेम करते थे और उन्होंने समाज में आपसी प्रेम को हमेशा बढ़ावा दिया।

वेलेंटाइन डे भले ही 14 फरवरी के दिन मनाया जाता है, लेकिन इसका उत्साह माह की शुरुआत से ही युवाओं में होता है। वेलेंटाइन डे के एक सप्ताह पहले यानि 7 फरवरी से ही वेलेंटाइन सप्ताह शुरु हो जाता है, जिसका हर दिन प्रेम का प्रतीक एवं इसी थीम पर आधारित होता है। 7 फरवरी रोज डे से वेलेंटाइन सप्ताह शुरू होता है, जो 8 फरवरी प्रपोज डे, 9 फरवरी चॉकलेट डे, 10 फरवरी टेडी डे, 11 फरवरी प्रॉमिस डे, 12 फरवरी हग डे, 13 फरवरी किस डे और 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे तक प्यार के अहसास के साथ मनाया जाता है।

देखा जाए तो प्यार गेहूं की तरह बंद है, अगर पीस दें तो उजला हो जाएगा, पानी के साथ गूंथ लो तो लचीला हो जाएगा। बस यह लचीलापन ही प्यार है, लचीलापन पूरी तरह समर्पण से आता है, जहां न कोई सीमा है न शर्त। प्यार एक अहसास है, भावना है। प्रेम परंपराएं तोड़ता है। प्यार त्याग व समरसता का नाम है।
प्यार एक खूबसूरत अहसास है। एक व्यक्ति जिसके पास प्यार भरा दिल है, वह हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहता है। वह हर किसी से प्यार करता है जैसे हम जो देते हैं वह हमें मिलता है। इसलिए, अगर हम प्यार देते हैं तो हमें बदले में प्यार मिलता है और यह हमारे जीवन को सुंदर बनाने की शक्ति रखता है।

“प्यार” शब्द ऐसा शब्द है जिसका नाम सुनकर ही हमें अच्छा महसूस होने लगता है,प्यार शब्द में वो अहसास है जिसे हम कभी नहीं खोना चाहते।इस शब्द में ऐसी पॉजिटिव एनर्जी है जो हमें मानसिक और आंतरिक खुशी प्रदान करती है। कभी कभी कष्ट देय भी होती है।

वैसे मेरा कहना मानें तो अपने दिल को सुरक्षित रखे, यह बहुत नाजुक चीज है। कुछ छोटी छोटी बातें और घटनाये इस पर गहन प्रभाव छोड़ देती है। एक बहुमूल्य पत्थर को जोड़ कर रखने के लिए सोने और चांदी की परत देनी पड़ती है। उसी तरह ज्ञान और विवेक की परत आपके दिल को दिव्यता से जोड़ कर रखती है। मन और दिल को साफ और स्वास्थ्य रखने के लिए दिव्यता से उत्तम कुछ भी नहीं है। फिर गुजरता हुआ समय और घटनाये आपको स्पर्श भी नहीं कर पायेंगी और न कोई घाव दे पाएगी।

जब कोई बहुत प्रेम अभिव्यक्त करता हैं तो अक्सर उस पर कैसे प्रतिक्रिया करना या आभार व्यक्त करना आपको समझ में नहीं आता। सच्चे प्रेम को पाने की क्षमता प्रेम को देने या बाँटने से आती है। जितना आप अधिक केंद्रित होते हे उतना अपने अनुभव के आधार पर यह समझ पाते हैं कि प्रेम सिर्फ एक भावना नहीं हैं, वह आपका शाश्वत आस्तित्व है, फिर चाहे कितना भी प्रेम किसी भी रूप में अभिव्यक्त किया जाए आप अपने आप को स्वयं में पाते है।

प्रेम पनपता है तो अहंकार टूटता है। अहंकार टूटने से सत्य का जन्म होता है। यह स्थिति तो बहुत ऊपर की है, यदि हम प्रेम में श्रद्धा मिला लें तो प्रेम भक्ति बन जाता है, जो लोक-परलोक दोनों के लिए ही कल्याणकारी है। इसलिए गृहस्थ आश्रम श्रेष्ठ है, क्योंकि हमारे पास भक्ति का कवच है। जहाँ तक मीरा, सूफी संतों की बात है, उनका प्रेम अमृत है।

साथ ही अन्य तमाम रिश्तों की तरह ही प्रेम का भी वास्तविक पहलू ये है कि इसमें भी सामंजस्य बेहद जरूरी है। आप यदि बेतरतीबी से हारमोनियम के स्वर दबाएं तो कर्कश शोर ही सुनाई देगा, वहीं यदि क्रमबद्ध दबाएं तो मधुर संगीत गूंजेगा। यही समरसता प्यार है, जिसके लिए सामंजस्य बेहद ज़रूरी है।

सच्चा प्यार वह होता है जो सभी हालातो में आप के साथ हो दुख में साथ दे आप का और आप की खुशियों को अपनी खुशियां माने कहते हैं कि अगर प्यार होता है तो हमारी ज़िन्दगी बदल जाती है पर जिन्दगी बदलती है या नही, यह इंसान के उपर निर्भर करता है प्यार इंसान को जरूर बदल देता है।

प्यार का मतलब सिर्फ यह नहीं कि हम हमेशा उसके साथ रहे, प्यार तो एक-दूसरे से दूर रहने पर भी खत्म नहीं होता। जिसमे दूर कितने भी हो अहसास हमेशा पास का होना चाहिए। किसी से सच्चा प्यार करने वाले बहुत कम लोग हैं। लेकिन उदाहरण हैं लैला और मजनू। इनके प्यार की कोई सीमा नहीं है। यह प्यार में कुछ भी कर सकते हैं। ऐसे प्यार को लोग जनम जनमो तक याद रखेंगे।

लेखक (Writer)
देवेन्द्र कुमार नयन (Devendra Kumar Nayan)

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 441 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"तरबूज"
Dr. Kishan tandon kranti
नंगा चालीसा [ रमेशराज ]
नंगा चालीसा [ रमेशराज ]
कवि रमेशराज
यदि आप किसी काम को वक्त देंगे तो वह काम एक दिन आपका वक्त नही
यदि आप किसी काम को वक्त देंगे तो वह काम एक दिन आपका वक्त नही
Rj Anand Prajapati
चल सतगुर के द्वार
चल सतगुर के द्वार
Satish Srijan
रिश्तों में...
रिश्तों में...
Shubham Pandey (S P)
प्लास्टिक बंदी
प्लास्टिक बंदी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
राम को कैसे जाना जा सकता है।
राम को कैसे जाना जा सकता है।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
जो चाकर हैं राम के
जो चाकर हैं राम के
महेश चन्द्र त्रिपाठी
दीपावली
दीपावली
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
!! रे, मन !!
!! रे, मन !!
Chunnu Lal Gupta
ड्रीम इलेवन
ड्रीम इलेवन
आकाश महेशपुरी
मुक्तक
मुक्तक
दुष्यन्त 'बाबा'
अर्ज किया है
अर्ज किया है
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
"दुनियादारी के रिश्तों की पींग मिज़ाजपुर्सी से मातमपुर्सी तक
*Author प्रणय प्रभात*
पेड़ नहीं, बुराइयां जलाएं
पेड़ नहीं, बुराइयां जलाएं
अरशद रसूल बदायूंनी
फितरत सियासत की
फितरत सियासत की
लक्ष्मी सिंह
Tlash
Tlash
Swami Ganganiya
ये   दुनिया  है  एक  पहेली
ये दुनिया है एक पहेली
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
माँ
माँ
The_dk_poetry
परमात्मा रहता खड़ा , निर्मल मन के द्वार (कुंडलिया)
परमात्मा रहता खड़ा , निर्मल मन के द्वार (कुंडलिया)
Ravi Prakash
मन के भाव
मन के भाव
Surya Barman
मिमियाने की आवाज
मिमियाने की आवाज
Dr Nisha nandini Bhartiya
नेता जी शोध लेख
नेता जी शोध लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बन्दे   तेरी   बन्दगी  ,कौन   करेगा   यार ।
बन्दे तेरी बन्दगी ,कौन करेगा यार ।
sushil sarna
आपसी बैर मिटा रहे हैं क्या ?
आपसी बैर मिटा रहे हैं क्या ?
Buddha Prakash
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
घिरी घटा घन साँवरी, हुई दिवस में रैन।
घिरी घटा घन साँवरी, हुई दिवस में रैन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
हम ही हैं पहचान हमारी जाति हैं लोधी.
हम ही हैं पहचान हमारी जाति हैं लोधी.
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
*गलतफहमी*
*गलतफहमी*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मेरा होकर मिलो
मेरा होकर मिलो
Mahetaru madhukar
Loading...