प्यारी ननद – कहानी
अग्रवाल जी के परिवार में खुशियों ने दस्तक दे दी थी | बिटिया प्रियंका का ब्याह जो होने जा रहा था | घर के सभी लोग बहुत खुश थे | जब प्रियंका के ब्याह की बात चल रही थी तो ससुराल पक्ष को बता दिया गया था कि प्रियंका बिटिया अपनी नौकरी नहीं छोड़ेगी | यदि आपको इसमें कोई आपत्ति न हो तो रिश्ते की बात को आगे बढ़ाएं | प्रियंका के ससुराल वालों को इसमें कोई आपत्ति नहीं थी | प्रियंका पास के ही एक स्थानीय प्राइवेट स्कूल में शिक्षिका के पद पर कार्यरत थी | शादी बड़ी धूमधाम से संपन्न हो गयी | प्रियंका अपनी नौकरी और घर दोनों ही जगह अपने दायित्वों का अच्छी तरह से निभा रही थी | अग्रवाल जी के घर में भी सभी प्रियंका के खुशहाल जीवन से पूरी तरह आश्वस्त थे |
प्रियंका के विवाह के बाद अब बारी थी उसके भाई संतोष की शादी की | संतोष की शादी पास के ही गुप्ता परिवार की रेखा से तय हो रही थी | शादी के समय रेखा के परिवार वालों ने बता दिया कि रेखा ने अभी – अभी अपनी बी एड की पढ़ाई पूरी की है और वह शादी के बाद नौकरी करना चाहती है | आप लोगों को एतराज न हो तो बात आगे बढ़ाई जाए | संतोष के परिवार वालों ने इस बात के लिए हामी भर दी | रेखा को देखने जाने वालों में परिवार के सदस्यों के साथ प्रियंका भी शामिल हुई | संतोष की शादी भी प्रियंका के ब्याह की तरह धूमधाम से संपन्न हुई | रेखा की शादी को अब छह माह हो गए थे | शुरू – शुरू में तो रेखा ने अपनी नौकरी के लिए कोई पहल नहीं की |
एक दिन प्रियंका का फ़ोन आया उसने रेखा को बताया कि उसके स्कूल में एक टीचर का पद खाली है | यदि तुम चाहो तो मैं तुम्हारे लिए सिफारिश कर सकती हूँ | इधर रेखा ने अपनी सास को टटोलने की कोशिश की | उसने नौकरी के लिए जब अपनी सास से पूछा तो उन्होंने साफ़ शब्दों में कह दिया कि घर की तरफ अपना ध्यान रखो | नौकरी करने की जरूरत नहीं | रेखा ने उन्हें याद दिलाना चाहा कि आपने शादी के समय इस बात के लिए हामी भरी थी | यह सुनते ही रेखा की सास भड़कने लगी और चार बातें रेखा को सुना दी | रेखा अपने कमरे में जाकर रोने लगी | वह कर भी क्या सकती थी | रेखा ने संतोष के माध्यम से भी कोशिश की पर उसे भी जोरु का गुलाम कह चुप करा दिया उसकी माँ ने l शाम को फिर से प्रियंका का फ़ोन आया | प्रियंका ने भाभी रेखा से नौकरी के लिए अप्लाई करने को कहा तो उसने अपनी सास की सारी बातें प्रियंका को बता दीं | फिर भी प्रियंका ने रेखा से उसके सभी प्रमाणपत्र मंगा लिए और पद के लिए आवेदन कर दिया |
अगले दिन प्रियंका रोते – रोते अपने घर पहुंची | उसे देख उसकी माँ ने प्रियंका के यूं अचानक आने का कारण पूछा | प्रियंका ने बताया कि उसकी सास अब उसे नौकरी नहीं करने देना चाहती | जबकि मैं अपने ससुराल के सभी कामों में बराबर हाथ बटाती हूँ | किसी को मुझसे कोई शिकायत भी नहीं है | फिर अचानक न जाने क्यों मेरी सास को ये क्या सूझा कि मुझे नौकरी करने से रोक रही हैं | प्रियंका की बात सुनते की उसकी माँ आगबबूला हो गयीं | उन्होंने कहा कि मैं चलती हूँ तेरे साथ और तेरी सास से पूछती हूँ कि वे ऐसा कैसे कर सकती हैं | यह सुनते ही प्रियंका ने कहा कि जिस तरह आपने रेखा भाभी के घर वालों से वादा किया था कि आप रेखा भाभी को शादी के बाद नौकरी करने देंगी | पर आप भी मेरी सास की तरह रेखा भाभी के साथ व्यवहार कर रही हैं | मेरे ही स्कूल में टीचर का एक पद खाली है | पर आप रेखा भाभी को इसके लिए इजाजत नहीं दे रही हैं |
प्रियंका की माँ को समझ आ गया कि प्रियंका अपने माध्यम से रेखा की समस्या का हल ढूंढ रही है | प्रियंका की माँ ने रेखा को आवाज लगाईं | रेखा डरते – डरते कमरे में दाखिल हुई | उन्होंने रेखा से कहा कि बेटी मुझे माफ़ करना मैं स्वार्थी हो गई थी | तुमने मेरी आँखें खोल दीं | तुम भी प्रियंका की तरह अपनी जिम्मेदारी निभा सकती हो | मुझे तुम्हारे नौकरी करने में कोई आपत्ति नहीं है | यह कहकर वे प्रियंका और रेखा दोनों को गले से लगा लेती हैं | अगले दिन प्रियंका का फोन आता है कि स्कूल आ जाओ आज तुम्हारा इंटरव्यू है | यह सुनते ही रेखा से उसकी सास कहती है कि मैं भी तेरे साथ जाऊंगी | मैं भी तो देखूं कि मेरी बेटी रेखा एक टीचर के रूप में कैसी लगती है | वे दोनों स्कूल की ओर चल देते हैं | प्रियंका की सिफारिश से रेखा को नौकरी मिल जाती है | अगले दिन स्कूल का पहला दिन रेखा के जीवन में एक टीचर के रूप में होता है उसकी सासू माँ उसे दही शक्कर खिलाकर स्कूल भेजती है और रेखा के साथ एक सेल्फी लेती है अपनी यादों को संभाल कर रखने के लिए |