“पेरिस ओलम्पिक और भारत “
“जीते भारत खूब ओलम्पिक , सोचते है सब ,
पर खिलाड़ियों के अल्प संसाधनों को देखता नहीं है कोई l
अनेक गोल्ड मेडल की इच्छा रखते है सब ,
पर खिलाड़ियों के बेजोड़ हुनर को परखता नहीं है कोई l
गोल्ड मेडल हाथ में निहारना चाहते है सब ,
पर खिलाड़ी की ग़रीबी को उभारता नहीं है कोई l
तिरंगा लहरायें पेरिस में , देखना चाहते है सब ,
पर खिलाड़ी की मेहनत को समझता नहीं है कोई l
वातानुकूलित कक्ष में , मूल्यांकन करते है सब ,
पर गुदड़ी के लाल के पसीने को महसूस करता नहीं है कोईl
सच कहूँ तो , अजीब विडंबना है देश की ,
सिर ऊँचा हो भारत का ,
मेडल पर कब्जा हो भारत का ,
डंका बजे भारत का ,
राष्ट्र गान बजे भारत का ,
ऐसी कामना करते है सब ,
पर खिलाड़ियों के कोशल,जुनून और तकलीफ़ों को परखता नहीं है कोई l”
पेरिस ओलम्पिक में गुदड़ी के लालों की मेहनत सफल हो
मेडल तालिका में भारत की प्रगति सफल हो
ऐसी मंगल कामनाओ सहित ,
विजय की आकांक्षाओं सहित ,
भारत के खिलाड़ियों को जीत के लिए कोटि कोटि शुभकामनाऐ l
नीरज कुमार सोनी
“जय श्री महाकाल”