पूछा जाएगा हर एक से
पूछा जाएगा हर एक से
जो लड़ रहे थे लड़ाई इंसानो बचाने की
वो ही आज इतने बेबस क्यों है ?
पूछा जाएगा उनसे
क्या कर रहे थे वो,
तैयारी युद्ध लड़ने की
औजार बनाने की ?
पूछा जाएगा उनसे
क्या आधुनिक हथियारों के
दम पर बचाई जा सकती है
ज़िन्दगी उन निर्बल मजदूरों की ?
पूछा जाएगा उन शांतिदूतो से
क्या खुश है,बलि देकर
वो इंसानों की?
आज पिस रहा है वो इंसान
जो बेकसूर है,दूसरी और
पाठ पढ़ाया जा रहा है विश्व शांति का ।
आज मजबूर है हर एक वो इंसान
जो जीना चाहता है शांति से दो पल
लेकिन बना दिया गया है उसे बकरा
बलि का,और वो चाहते है
विश्व में शांति को स्थापित करना
औज़ारों के बल पर ।
औज़ारों के बल पर
बहा सकते हो रक्त
कर सकते हो शांत
बंजर धरा को
लेकिन औज़ार आज भी
अधूरे है सम्पूर्ण विश्व का
अंत करने के लिए ।
भूपेंद्र रावत
27।03।2020