पुर-नूर ख़यालों के जज़्तबात तेरी बंसी।
पुर-नूर ख़यालों के जज़्तबात तेरी बंसी।
हर शख़्स ये कहती है नग़्मात तेरी बंसी।
रुख़्सार हसीं दर्पण आँखें ज्यूंँ समंदर,
नित चाँद को देती है सौगात तेरी बंसी ।
नीलम शर्मा ✍️
पुर-नूर ख़यालों के जज़्तबात तेरी बंसी।
हर शख़्स ये कहती है नग़्मात तेरी बंसी।
रुख़्सार हसीं दर्पण आँखें ज्यूंँ समंदर,
नित चाँद को देती है सौगात तेरी बंसी ।
नीलम शर्मा ✍️