*पीने वाले दिख रहे, पी मदिरा मदहोश (कुंडलिया)*
पीने वाले दिख रहे, पी मदिरा मदहोश (कुंडलिया)
➖➖➖➖➖➖➖➖➖
पीने वाले दिख रहे, पी मदिरा मदहोश
कोई नाली में पड़ा, उमड़ा है यदि जोश
उमड़ा है यदि जोश, रंग मदिरा के भाए
पैसे कर बर्बाद, स्वास्थ्य चौपट कर आए
कहते रवि कविराय, न ज्यादा जीने वाले
बेचेंगे घर-बार, एक दिन पीने वाले
—————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451