पिता परिवार के बटवृक्ष
पिता की उंगली पकड़ धरा पर, पहला कदम बढ़ाया
मेहनत खून पसीना संबल से, मेरा जीवन मेंहकाया
दुनिया में आगे बढ़ने का, मुझको मार्ग दिखाया
एक माटी के पुतले को, तुमने इंसान बनाया
मात-पिता के अबदानों को, शब्द नहीं कह सकते हैं
मात पिता के श्री चरणों में, कोटि कोटि नमन करते हैं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी