पिता के रिश्ते में फर्क होता है।
पिता पथ का प्रदर्शक होता है।
बिन पिता जग निरर्थक होता है।।1।।
पिता जीवन सार्थक करता है।
पिता परिश्रम में अथक होता है।।2।।
पिता यूं ही ना हमको टोकता है।
उसका कहा सदा सबक होता है।।3।।
पिता पुत्र कभी जुदा ना होते है।
इस रिश्ते में बड़ा असर होता है।।4।।
पितृ भाव दूसरे में ना होता है।
पिता के रिश्ते में फर्क होता है।।5।।
तुम सोचकर देखो पिता को।
पिता तो सच में ईश्वर होता है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ