पानी
कहीं पर बूंद बूंद
पानी के लिए तरस रहे
लोगों की कतार दिखाई देती,
तो कहीं लोग बेझिझक
व्यर्थ में ही उसे जाया करती;
कुछ लोग पानी की
अस्तित्व जान कर इसे
अमृत समान मानते ,
कुछेक इसे केवल
अपनी प्यास बुझानेवाली
साधारण पदार्थ समझते;
अब मिल रहा है तो
इसका मोल सभी
समझ नहीं रहे,
सोचो जब मुश्किल
होगा इसका मिलना
हम तब क्या करेंगे?