Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Apr 2022 · 2 min read

पानी

✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जब हरे भरे पत्ते सूख जाते हैं -मुरझा जाते हैं तो वृक्ष भी उन्हें अपने से अलग कर देते हैं यही सब इंसानों के साथ भी होता है जब वो अपनों को बोझ महसूस होने लगते हैं तो उन्हें भी छिटका दिया जाता है …,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की इंसान है काम करेगा तो गलती भी होगी ,पर किसी के साथ जान बुझ कर गलत करना गलती नहीं गुनाह की श्रेणी में आता है …,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कुछ इंसानों को कितना भी समझाने की चेष्टा करो वो केवल वो ही सुनना और समझना चाहते हैं जो उनको और उनके अहंकार को सही लगता है …,

आखिर में एक ही बात समझ आई की इंसान जितना परिणाम से नहीं घबराता उससे ज्यादा अपने आंतरिक भय -चिंता -आत्मविश्वास की कमी से घबराता है और परिणाम वो आधे अधूरे गड्ढे खोद खोद कर हताश होकर नया गड्ढा खोदने लग जाता है और पानी वो तो फिर मिल ही नहीं सकता …!

Affirmations:

1-मेरा जीवन खुशियों से भरा है और मैं इसका आनंद ले रहा हूं…
2-मेरे पास आज जो कुछ भी है जो लोग भी मेरे साथ है उनका दिल से शुक्रिया अदा करता हूं…
3-मुझे अपनी काबिलियत पर पूरा भरोसा है…
4-मेरे अंदर किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है…
5-मेरी जिंदगी का सिर्फ एक मकसद है, खुद को इस काबिल बनाना जिससे समस्त खुशियां खुद मेरे पास आये …
6-पूरे ब्रह्मांड की शक्तियां मेरे साथ हैं… 7-मेरे अंदर उर्जा का असीमित भंडार है,अब चाहे जो कुछ भी हो जाये दुनियां की कोई भी ताकत मुझे आगे बढने से नहीं रोक सकती हैं…

बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ….सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ….!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो
विकास शर्मा'”शिवाया”
🔱जयपुर -राजस्थान 🔱

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 232 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ज्ञात हो
ज्ञात हो
Dr fauzia Naseem shad
तेरे इंतज़ार में
तेरे इंतज़ार में
Surinder blackpen
मनोरम तेरा रूप एवं अन्य मुक्तक
मनोरम तेरा रूप एवं अन्य मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कुछ इस तरह टुटे है लोगो के नजरअंदाजगी से
कुछ इस तरह टुटे है लोगो के नजरअंदाजगी से
पूर्वार्थ
दोहा- बाबूजी (पिताजी)
दोहा- बाबूजी (पिताजी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
पृष्ठों पर बांँध से
पृष्ठों पर बांँध से
Neelam Sharma
-शेखर सिंह
-शेखर सिंह
शेखर सिंह
◆ आज का दोहा।
◆ आज का दोहा।
*Author प्रणय प्रभात*
"वरना"
Dr. Kishan tandon kranti
मिलने के समय अक्सर ये दुविधा होती है
मिलने के समय अक्सर ये दुविधा होती है
Keshav kishor Kumar
ज़िंदगी
ज़िंदगी
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
3320.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3320.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
कहने को आज है एक मई,
कहने को आज है एक मई,
Satish Srijan
कौन किसी को बेवजह ,
कौन किसी को बेवजह ,
sushil sarna
वक्त यूं बीत रहा
वक्त यूं बीत रहा
$úDhÁ MãÚ₹Yá
*चुप रहने की आदत है*
*चुप रहने की आदत है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बेवजह किसी पे मरता कौन है
बेवजह किसी पे मरता कौन है
Kumar lalit
अंग अंग में मारे रमाय गयो
अंग अंग में मारे रमाय गयो
Sonu sugandh
बंदरा (बुंदेली बाल कविता)
बंदरा (बुंदेली बाल कविता)
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
शिवरात्रि
शिवरात्रि
ऋचा पाठक पंत
किस्मत का वह धनी सिर्फ है,जिसको टिकट मिला है (हास्य मुक्तक )
किस्मत का वह धनी सिर्फ है,जिसको टिकट मिला है (हास्य मुक्तक )
Ravi Prakash
कुछ सपने आंखों से समय के साथ छूट जाते हैं,
कुछ सपने आंखों से समय के साथ छूट जाते हैं,
manjula chauhan
তার চেয়ে বেশি
তার চেয়ে বেশি
Otteri Selvakumar
कचनार kachanar
कचनार kachanar
Mohan Pandey
सावन के झूलें कहे, मन है बड़ा उदास ।
सावन के झूलें कहे, मन है बड़ा उदास ।
रेखा कापसे
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
ए'लान - ए - जंग
ए'लान - ए - जंग
Shyam Sundar Subramanian
राधा
राधा
Mamta Rani
मन की आँखें खोल
मन की आँखें खोल
Kaushal Kumar Pandey आस
वो एक विभा..
वो एक विभा..
Parvat Singh Rajput
Loading...