Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Feb 2023 · 2 min read

पल भर की खुशी में गम

पल भर में खुशी में गम –

भारत वर्ष में शादी व्याह बहुत ही उत्साह उल्लास से होते है करोड़ों लाखो हज़ारों जिसकी जैसी हैसियत रहती है व्यय कर बहुत उत्साह से आयोजन करता है ।

रामनगर के बाबू कीरत सिंह के बेटे भूपति सिंह के शुभ विवाह का अवसर था जिसका इलाके में बड़ा शोर था ।

भूपति सिंह ने प्रादेशिक
प्रसाशनिक सेवा में चयनित होकर पिता किरत सिंह का मान बढाया था जिसके कारण भूपति का विवाह इलाके के दूसरे बड़े राजपुत परिवार सिंहपुर के ठाकुर जन्मेजय सिंह कि एकलौती बेटी मान्यता से होना निश्चित था।

तिलक की रश्म पूरी हो चुकी थी पूरे इलाके में इस बात की चर्चा थी कि ठाकुर जन्मेजय सिंह के पास किंतनी दौलत है उन्होंने कीरत सिंह का मुंह सोने चांदी रुपये पैसे आदि से बंद कर दिया और एलान किया था कि बरात में आकर उनके दरवाजे की शोभा बढ़ाने आने वाले हर बरातीं को एक घड़ी सूट एव ब्रीफकेस उपहार दिया जाएगा ।

बरात सजाने में किरत सिंह ने कोई कमी नही ऊठा रखी थी गांव के हर घर से एक बरातीं घोड़े हाथी ऊंट मोटर कार के काफिले आतिशबाजी बाई जी का नृत्य आदि आदि जाने क्या क्या व्यवस्था कर रखी थी।

बारात चलने की तैयारी हो रही थी पूर्वांचल एव बिहार में यह प्रचलन आम है कि बारात लड़की वालों के यहां प्रस्थान करने से पूर्व लड़के पक्ष वाले अपने गांव कुल देवी देवताओं की पूजा दूल्हे के साथ माँ दादी भाभी बहने एव अन्य परिजन करते है जिसे परछावन कहते है भूपति के परछावन की तैयारी चल ही रही थी ।

कपड़े पहनने की रश्म होने वाली थी तभी भूपति को ध्यान आया कि टाई कुछ मुड़ी चूड़ी है उंसे प्रेस करना है ।

वह गए इलेक्ट्रिक प्रेस के प्लग को विद्युत साकेट से ज्यो जोड़ने लगे बिजली ने उन्हें चिपका लिया और तब नहीं छोड़ा जब वह निष्प्राण नहीं हो गए ।

इधर घर वालो परछावन के कार्यक्रम में व्यस्त जब उन्हें खोजने लगें और देखा कि वह मृत पड़े है सारा वातावरण मातम में बदल गया ।

यह वह दौर था दस बीस गांवो के बीच किसी गांव में बिजली कनेक्सकन था वह भी डीसी करेंट और इलेक्ट्रिक आयरन बड़े आदमी के घर में ही उपलब्ध था।

पल भर में वातावरण भयावह विभत्स हो गया सभी एक ही बात कहते विज्ञान की तरक्की के सार्थक निरर्थक दोनों पहलू है अतः बहुत व्यवहारिक और विशेषज्ञ उपयोग ही सुरक्षित है।

नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश।।

Language: Hindi
157 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
View all
You may also like:
बिखर गई INDIA की टीम बारी बारी ,
बिखर गई INDIA की टीम बारी बारी ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
दोहावली...(११)
दोहावली...(११)
डॉ.सीमा अग्रवाल
💐अज्ञात के प्रति-125💐
💐अज्ञात के प्रति-125💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
परिस्थितियां अनुकूल हो या प्रतिकूल  ! दोनों ही स्थितियों में
परिस्थितियां अनुकूल हो या प्रतिकूल ! दोनों ही स्थितियों में
Tarun Singh Pawar
तू इश्क, तू खूदा
तू इश्क, तू खूदा
लक्ष्मी सिंह
कुश्ती दंगल
कुश्ती दंगल
मनोज कर्ण
सोच की अय्याशीया
सोच की अय्याशीया
Sandeep Pande
सीढ़ियों को दूर से देखने की बजाय नजदीक आकर सीढ़ी पर चढ़ने का
सीढ़ियों को दूर से देखने की बजाय नजदीक आकर सीढ़ी पर चढ़ने का
Paras Nath Jha
3312.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3312.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
घड़ियाली आँसू
घड़ियाली आँसू
Dr. Pradeep Kumar Sharma
लिखता हम त मैथिल छी ,मैथिली हम नहि बाजि सकैत छी !बच्चा सभक स
लिखता हम त मैथिल छी ,मैथिली हम नहि बाजि सकैत छी !बच्चा सभक स
DrLakshman Jha Parimal
*घुटन बहुत है बरसो बादल(हिंदी गजल/गीतिका)*
*घुटन बहुत है बरसो बादल(हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
ग़ज़ल/नज़्म - इश्क के रणक्षेत्र में बस उतरे वो ही वीर
ग़ज़ल/नज़्म - इश्क के रणक्षेत्र में बस उतरे वो ही वीर
अनिल कुमार
जलियांवाला बाग,
जलियांवाला बाग,
अनूप अम्बर
"खैरात"
Dr. Kishan tandon kranti
🥗फीका 💦 त्योहार 💥 (नाट्य रूपांतरण)
🥗फीका 💦 त्योहार 💥 (नाट्य रूपांतरण)
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
ମଣିଷ ଠାରୁ ଅଧିକ
ମଣିଷ ଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
सितारा कोई
सितारा कोई
shahab uddin shah kannauji
हरे भरे खेत
हरे भरे खेत
जगदीश लववंशी
ख्वाबों से परहेज़ है मेरा
ख्वाबों से परहेज़ है मेरा "वास्तविकता रूह को सुकून देती है"
Rahul Singh
ज्ञान क्या है
ज्ञान क्या है
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चित्रकार उठी चिंकारा बनी किस के मन की आवाज बनी
चित्रकार उठी चिंकारा बनी किस के मन की आवाज बनी
प्रेमदास वसु सुरेखा
(4) ऐ मयूरी ! नाच दे अब !
(4) ऐ मयूरी ! नाच दे अब !
Kishore Nigam
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*Author प्रणय प्रभात*
अपनी टोली
अपनी टोली
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
आपका स्नेह पाया, शब्द ही कम पड़ गये।।
आपका स्नेह पाया, शब्द ही कम पड़ गये।।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
हम अपनी ज़ात में
हम अपनी ज़ात में
Dr fauzia Naseem shad
बिलकुल सच है, व्यस्तता एक भ्रम है, दोस्त,
बिलकुल सच है, व्यस्तता एक भ्रम है, दोस्त,
पूर्वार्थ
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
'विडम्बना'
'विडम्बना'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Loading...