पल बुरे अच्छे गुजारे तो सभी जाएंगे
पल बुरे अच्छे गुजारे तो सभी जाएंगे
फिक्र क्या करनी है मारे तो सभी जाएंगे
काम आना ही पड़ेगा हमें अपनों के भी
कर्ज़ अपनो के उतारे तो सभी जाएंगे
नाम चमके जमीं पर बात है कोई उसकी
यूँ चमक नभ के सितारे तो सभी जाएंगे
बात तो ये है दुलारेंगे वो माँ को कितना
पास में माँ के दुलारे तो सभी जाएंगे
ये अलग बात हैं किसको मिले ये कितना भी
दर्द की राह गुजारे तो सभी जाएंगे
डूब जाते हैं या फिर फँसते भँवर में भी हैं
सोचना मत ये किनारे तो सभी जाएंगे
‘अर्चना’ ज़िन्दगी कितनी भी पकड़ लो कस के
मौत के देखना द्वारे तो सभी जाएंगे
डॉ अर्चना गुप्ता