*पर्वतों का इस तरह आनंद आप उठाइए (हास्य हिंदी गजल/ गीतिका)*
पर्वतों का इस तरह आनंद आप उठाइए (हास्य हिंदी गजल/ गीतिका)
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1
पर्वतों का इस तरह आनंद आप उठाइए
शीत ऋतु में एक सिल्ली बर्फ घर ले आइए
2
आपसे इतना निवेदन है कि जाड़ा पड़ रहा
कुछ पकौड़े और बढ़िया चाय आप बनाइए
3
ठंड के मौसम में हलवा वाह गाजर का बना
धूप निकली है अगर तो मूॅंगफलियॉं खाइए
4
ठंड के मौसम में पानी से रहें कुछ दूर ही
राय यह अच्छी है जाड़ों-भर न आप नहाइए
5
कौन निकले घर से बाहर, शीत-लहरी चल रही
कह रहा है मन कि कंबल ओढ़ कर सो जाइए
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451