Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Nov 2021 · 1 min read

पर्यावरण

पर्यावरण पर दोहे
**************

झारखण्ड की क्या कहूँ ,बढ़ती जाती पीर।
जल-थल दूषित हो गए, बात बड़ी गंभीर।।

पंछी बेघर हो गए, बैठे नदिया तीर।
ताक रहे सब गगन को, कौन हरेगा पीर?

मानव ने शोषण किया, बनकर भू अभिशाप।
भौतिकवादी सोच से, बढ़ा जगत संताप।।

वायु में विष घोल कर,किया मलिन व्यवहार।
जीवन संकट में पड़ा, कौन करे उपचार?

सुबक-सुबक धरती करे , व्याकुल मौन विलाप।
शुद्ध नहीं पर्यावरण, मानव है चुपचाप।।

पौधों का रोपण करो, जीवन का आधार।
हरिताभा छाई रहे, काटो रोग विकार।।

शुद्ध रहे पर्यावरण, जीव न हों बेहाल।
जीवन में आमोद हो, सब जन हों खुशहाल।।

डॉ. रजनी अग्रवाल ‘वाग्देवी रत्ना’
वाराणसी (उ. प्र.)

Language: Hindi
1 Like · 440 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
New light emerges from the depths of experiences, - Desert Fellow Rakesh Yadav
New light emerges from the depths of experiences, - Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
23/86.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/86.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आँखें शिकायत करती हैं गमों मे इस्तेमाल हमारा ही क्यों करते ह
आँखें शिकायत करती हैं गमों मे इस्तेमाल हमारा ही क्यों करते ह
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
💐प्रेम कौतुक-319💐
💐प्रेम कौतुक-319💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सूरज नहीं थकता है
सूरज नहीं थकता है
Ghanshyam Poddar
सुनो रे सुनो तुम यह मतदाताओं
सुनो रे सुनो तुम यह मतदाताओं
gurudeenverma198
सब को प्रभु दो स्वस्थ तन ,सबको सुख का वास (कुंडलिया)
सब को प्रभु दो स्वस्थ तन ,सबको सुख का वास (कुंडलिया)
Ravi Prakash
*तुम  हुए ना हमारे*
*तुम हुए ना हमारे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मतदान
मतदान
Kanchan Khanna
आजकल गजब का खेल चल रहा है
आजकल गजब का खेल चल रहा है
Harminder Kaur
*कैसे हम आज़ाद हैं?*
*कैसे हम आज़ाद हैं?*
Dushyant Kumar
बेटी
बेटी
Sushil chauhan
फ़र्क़ नहीं है मूर्ख हो,
फ़र्क़ नहीं है मूर्ख हो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सीरत
सीरत
Shutisha Rajput
आज ही का वो दिन था....
आज ही का वो दिन था....
Srishty Bansal
अभी गहन है रात.......
अभी गहन है रात.......
Parvat Singh Rajput
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
बदल डाला मुझको
बदल डाला मुझको
Dr fauzia Naseem shad
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
कर्मठ व्यक्ति की सहनशीलता ही धैर्य है, उसके द्वारा किया क्षम
कर्मठ व्यक्ति की सहनशीलता ही धैर्य है, उसके द्वारा किया क्षम
Sanjay ' शून्य'
कमाण्डो
कमाण्डो
Dr. Kishan tandon kranti
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
Mohan Pandey
■ कमाल है साहब!!
■ कमाल है साहब!!
*Author प्रणय प्रभात*
गुलामी छोड़ दअ
गुलामी छोड़ दअ
Shekhar Chandra Mitra
ज़िन्दगी की राह
ज़िन्दगी की राह
Sidhartha Mishra
मरने के बाद भी ठगे जाते हैं साफ दामन वाले
मरने के बाद भी ठगे जाते हैं साफ दामन वाले
Sandeep Kumar
They say,
They say, "Being in a relationship distracts you from your c
पूर्वार्थ
नारी
नारी
विजय कुमार अग्रवाल
Loading...