पर्दों का काफिला
पर्दे पर पर्दा
पर्दे पर पर्दा
यह न जाने कितने अनगिनत
पर्दों का काफिला
न जाने कितना अंधेरा है
रोशनी का कहीं न दिख रहा
एक भी कतरा है
न जाने कौन से गहरे राज हैं
इनके पीछे दफन कि
जो कभी भी उजागर न हो
सकेंगे
न यह पर्दे कभी हटेंगे
न फिर एक रोज इन्हें कोई
हटाने वाला ही जिन्दा
रहेगा।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001