Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jul 2024 · 1 min read

परिमल पंचपदी— नवीन विधा*

परिमल पंचपदी— नवीन विधा
24/07/2024

(1) — प्रथम, द्वितीय पद तथा तृतीय, पंचम पद पर समतुकांत।

बंदगी।
है मेरी जिंदगी।।
उस गरीबनवाज की।
जो दाता है रखवाला है करीम है,
हर साँस में याद आती उस सरताज की।।

(2)– द्वितीय, तृतीय पद तथा प्रथम, पंचम पद पर तुकांत।

गंदगी।
बचाओ सृष्टि को।
सुधारो अपनी दृष्टि को।।
सभी विकारों का यही तो मूल है,
प्रकृति पर मत होने दो ये दरिंदगी।।

(3)— प्रथम, तृतीय एवं पंचम पद पर समतुकांत।

सादगी।
कृत्रिमता से दूर,
हर वक्त देती ताजगी।।
भोलापन सुंदरता का शृंगार,
ऐसे हुस्न पर क्यों नहीं आये दीवानगी।।

(4)—- संपूर्ण पंच पद अतुकांत।

रिंदगी।
आदत छोड़िए
जिंदगी खराब करती
नेक नसीहत सुन ऐ इंसान
खुदा की इबादत का नशा करना सीख।

— डॉ रामनाथ साहू ‘ननकी’
छंदाचार्य, बिलासा छंद महालय

39 Views

You may also like these posts

23/180.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/180.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुछ खास रिश्ते खास समय में परखे जाते है
कुछ खास रिश्ते खास समय में परखे जाते है
Ranjeet kumar patre
बुरा ख्वाबों में भी जिसके लिए सोचा नहीं हमने
बुरा ख्वाबों में भी जिसके लिए सोचा नहीं हमने
Shweta Soni
आजादी की कहानी
आजादी की कहानी
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
कुछ ज़ख्म अब
कुछ ज़ख्म अब
Sonam Puneet Dubey
I don't listen the people
I don't listen the people
VINOD CHAUHAN
Haiku
Haiku
Otteri Selvakumar
*दिल के रोग की दवा क्या है*
*दिल के रोग की दवा क्या है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
जो थे क्रिमिनल..., देख परिंदे,
जो थे क्रिमिनल..., देख परिंदे,
पंकज परिंदा
कौन है वो .....
कौन है वो .....
sushil sarna
जब तेरी याद बहुत आती है,
जब तेरी याद बहुत आती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मन का मैल नहीं धुले
मन का मैल नहीं धुले
Paras Nath Jha
कभी अपनेे दर्दो-ग़म, कभी उनके दर्दो-ग़म-
कभी अपनेे दर्दो-ग़म, कभी उनके दर्दो-ग़म-
Shreedhar
*बोलो चुकता हो सका , माँ के ऋण से कौन (कुंडलिया)*
*बोलो चुकता हो सका , माँ के ऋण से कौन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हम जो थोड़े से टेढ़े हो रहे हैं
हम जो थोड़े से टेढ़े हो रहे हैं
Manoj Mahato
विश्वकर्मा जयंती उत्सव की सभी को हार्दिक बधाई
विश्वकर्मा जयंती उत्सव की सभी को हार्दिक बधाई
Harminder Kaur
अक्सर....
अक्सर....
हिमांशु Kulshrestha
प्रकृति की चेतावनी
प्रकृति की चेतावनी
Indu Nandal
मैं कहां हूं तुम कहां हो सब कहां हैं।
मैं कहां हूं तुम कहां हो सब कहां हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
सम्बन्ध
सम्बन्ध
Dr. Kishan tandon kranti
विद्यार्थी और विभिन्न योग्यताएँ
विद्यार्थी और विभिन्न योग्यताएँ
Bhupendra Rawat
ये नव वर्ष हमको स्वीकार नही
ये नव वर्ष हमको स्वीकार नही
पूर्वार्थ
ताउम्र करना पड़े पश्चाताप
ताउम्र करना पड़े पश्चाताप
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि का परिचय।
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि का परिचय।
Dr. Narendra Valmiki
दुनिया बड़ी, बेदर्द है, यह लिख गई, कलम।।
दुनिया बड़ी, बेदर्द है, यह लिख गई, कलम।।
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal
श्री राधा !
श्री राधा !
Mahesh Jain 'Jyoti'
# वो खत#
# वो खत#
Madhavi Srivastava
दुनिया की कोई दौलत
दुनिया की कोई दौलत
Dr fauzia Naseem shad
"यायावरी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Loading...