परवाने
जिस दिन खुद से प्यार हो जायेगा,
दूसरों से लडना नहीं पड़ेगा,
उस कीटपतंग से सीखना नहीं पड़ेगा,
हो जाता है, किस तरह कुर्बान,
दीपक की लौ से लिपटकर..
मेरे देश के हर नागरिक के लहू का कतरा-कतरा
देश की सुरक्षा में लडेगा.
डॉक्टर महेन्द्र सिंह हंस
जिस दिन खुद से प्यार हो जायेगा,
दूसरों से लडना नहीं पड़ेगा,
उस कीटपतंग से सीखना नहीं पड़ेगा,
हो जाता है, किस तरह कुर्बान,
दीपक की लौ से लिपटकर..
मेरे देश के हर नागरिक के लहू का कतरा-कतरा
देश की सुरक्षा में लडेगा.
डॉक्टर महेन्द्र सिंह हंस