पदावली
भाव पदावली
डोल रही है नाव बचा लो प्रभु मेरे।
जग है माया सागर गहरा डूबे मन,
थाम लो पतवार दुखों के बढ़े घेरे ।।
मिले नाम सहारा भाग्य चमके मेरा ,
वंदन आराधन करती शाम सवेरे ।
भक्ति भाव संचार करो पावन तन हो,
जन्म जन्म के ही मिट जाएंगे फेरे।।
जग में आयी सुमिरन करने भूली ये,
जंजालों के हैं लगते उर में डेरे।
नैया कर्मों की अब हिचकोले खाये,
दूर करो मेरे मानस के अंधेरे।।
मुझे भरोसा तेरा भगवन आओ अब
आप दिखाओ राहे बस क्या है मेरे।
प्रेम का विश्वास जगाओ हिय हमारे,
दया करो हे ईश्वर बालक हम तेरे ।।
सीमा शर्मा