“पथ रोके बैठी विपदा”
“पथ रोके बैठी विपदा अगर ,
पीछे कब तक भागोगे ,
जो पीछे भागोगे,
तो फ़तेह कैसे पाओगे l
फ़तेह हासिल हुई कुरुक्षेत्र में ,
जब विपदा से लोहा था लिया ,
लोहा लेकर निज पुरुषार्थ को ,
प्रमाणित था किया l
जो बैठे रहते धरे हाथ पर हाथ ,
तो पांडव कैसे जीत थे पाते ,
बिना संघर्ष के रण ,
कैसे लांग थे पाते l
कहता नीरज….
अब समय क्यों व्यर्थ है करना ,
जब सिद्ध जीवन का अर्थ है करना l
इसलिए जो बैठे रहे तो कुछ नहीं पाओगे ,
जो कायर बनोगे तो फ़तेह कैसे पाओगे l
“नीरज कुमार सोनी”
“जय श्री महाकाल”🕉️