पत्र तुम न रह सकोगे ।
पत्र ! तुम न
रह सकोगे
सदा तरु की
डाल पर ।
एक दिन तुमको
यहां से
टूटना तो
पड़ेगा ।।
विटप के इस
मोह बंधन
से बँधे हो
आज तुम ।
इसी बंधन से
अचानक
छूटना तो
पड़ेगा ।।
चिर अमर
होता नही इस
धरा पर
कोई कभी ।
बुलबुला पानी
का है ये
फूटना तो
पड़ेगा ।।