ऐ मोहब्बत तेरा कर्ज़दार हूं मैं।
*** " ओ मीत मेरे.....!!! " ***
धीरे धीरे निकल रहे हो तुम दिल से.....
"नारी जब माँ से काली बनी"
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
!! सुविचार !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
ढलता सूरज गहराती लालिमा देती यही संदेश
*जाति मुक्ति रचना प्रतियोगिता 28 जनवरी 2007*
#दीनता_की_कहानी_कहूँ_और_क्या....!!
Bundeli Doha pratiyogita-149th -kujane
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मुसलसल ठोकरो से मेरा रास्ता नहीं बदला
बिन मौसम के ये बरसात कैसी
Growth requires vulnerability.